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RAJASTHAN STATE FORWARD BLOC
4658, BURAD HOUSE,
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BERI-KA-BAS,
KGB-KA-RASTA,
JOHARI BAZAR,
JAIPUR-302003
09001060013
प्रेस विज्ञप्ति दिनांक : 29 दिसम्बर, 2008
राजस्थान में प्रवासी बंगाली श्रमिकों के मानवाधिकारों के संरक्षण हेतु पश्चिम बंगाल सरकार से मांग
जयपुर- राजस्थान स्टेट फारवर्ड ब्लाक के जनरल सेक्रेटरी हीराचंद जैन ने पश्चिम बंगाल के श्रममंत्री श्री अनादि कुमार साहू को पत्र लिख कर मांग की है कि राजस्थान में कार्यरत 25 हजार से ज्यादा प्रवासी बंगाली श्रमिकों एवं उनके परिवारों के मानवीय अधिकारों एवं हितों के संरक्षण के लिये, पश्चिम बंगाल सरकार एक श्रम कल्याण अधिकारी एवं एक समाज कल्याण अधिकारी की तत्काल राजधानी जयपुर को मुख्यालय बनाकर नियमानुसार नियुक्ति करे।
पश्चिम बंगाल श्रममत्रीं को लिखे अपने पत्र में राजस्थान स्टेट फारवर्ड ब्लाक के जनरल सेक्रेटरी हीराचंद जैन ने स्पष्ट आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल से आये प्रवासी बंगाली श्रमिकों, जो कि भवन-सडक निर्माण ठेकेदारों, ज्वेलरी कारखानों, ट्रांसपोर्ट व्यवसाय सहित अन्य व्यवसायों में कार्यरत हैं, का माइग्रेंट वर्कमैन एक्ट, न्यूनतम वेतन अधिनियम सहित अन्य श्रमिक कानूनों का गम्भीर उलंघन कर ठेकेदारों-ज्वेलरी उत्पादकों व मिल मालिकों द्वारा गम्भीर शोषण किया जा रहा है। ज्वेलरी व्यवसाय में तो इन प्रवासी बंगाली श्रमिकों को रात दो बजे तक काम करने के लिये मजबूर किया है। उन्होंने आगे बताया कि अधिकांश प्रवासी बंगाली श्रमिक पश्चिम बंगाल के सुदूर ग्रामीण अंचलों से आते हैं और वे बंगला भाषा के अलावा अन्य भाषा नहीं जानते हैं, लेकिन वैध मतदाता परिचय पत्र, राशन कार्ड, पैन कार्ड, स्कूल/कालेज का प्रमाण पत्र ड्राईविंग लाइसेन्स, प्रापर्टी दस्तावेज वगैरहा होने के बावजूद उन्हें भाषा की आड में बंगलादेशी करार देने की गैर जुम्मेदारान कोशिश कर अनावश्यक रूप से परेशान किया जाता है। राजस्थान में कुछ नस्लवादी दलों ने तो इस हेतु बकायदा एक मुहिम चला रखी है।
राजस्थान स्टेट फारवर्ड ब्लाक के जनरल सेक्रेटरी हीराचंद जैन ने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा श्रम कल्याण अधिकारी एवं समाज कल्याण अधिकारी नियुक्त करने से इन प्रवासी बंगाली श्रमिकों के मानवाधिकारों को संरक्षण में मदद मिलेगी वहीं उनके शोषण पर भी सक्षमता से अंकुश लगाया जा सकेगा।
पत्र की प्रति पश्चिम बंगाल विधान सभा के डिप्टी स्पीकर श्री भक्तिपद घोष, पश्चिम बंगाल सरकार के कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र नाथ डे एवं कृषि विपणन मंत्री श्री मुर्तजा हुसैन को प्रेषित कर उनसे भी इस गम्भीर मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की अपील की गई है।
पश्चिम बंगाल श्रममत्रीं को लिखे अपने पत्र में राजस्थान स्टेट फारवर्ड ब्लाक के जनरल सेक्रेटरी हीराचंद जैन ने स्पष्ट आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल से आये प्रवासी बंगाली श्रमिकों, जो कि भवन-सडक निर्माण ठेकेदारों, ज्वेलरी कारखानों, ट्रांसपोर्ट व्यवसाय सहित अन्य व्यवसायों में कार्यरत हैं, का माइग्रेंट वर्कमैन एक्ट, न्यूनतम वेतन अधिनियम सहित अन्य श्रमिक कानूनों का गम्भीर उलंघन कर ठेकेदारों-ज्वेलरी उत्पादकों व मिल मालिकों द्वारा गम्भीर शोषण किया जा रहा है। ज्वेलरी व्यवसाय में तो इन प्रवासी बंगाली श्रमिकों को रात दो बजे तक काम करने के लिये मजबूर किया है। उन्होंने आगे बताया कि अधिकांश प्रवासी बंगाली श्रमिक पश्चिम बंगाल के सुदूर ग्रामीण अंचलों से आते हैं और वे बंगला भाषा के अलावा अन्य भाषा नहीं जानते हैं, लेकिन वैध मतदाता परिचय पत्र, राशन कार्ड, पैन कार्ड, स्कूल/कालेज का प्रमाण पत्र ड्राईविंग लाइसेन्स, प्रापर्टी दस्तावेज वगैरहा होने के बावजूद उन्हें भाषा की आड में बंगलादेशी करार देने की गैर जुम्मेदारान कोशिश कर अनावश्यक रूप से परेशान किया जाता है। राजस्थान में कुछ नस्लवादी दलों ने तो इस हेतु बकायदा एक मुहिम चला रखी है।
राजस्थान स्टेट फारवर्ड ब्लाक के जनरल सेक्रेटरी हीराचंद जैन ने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा श्रम कल्याण अधिकारी एवं समाज कल्याण अधिकारी नियुक्त करने से इन प्रवासी बंगाली श्रमिकों के मानवाधिकारों को संरक्षण में मदद मिलेगी वहीं उनके शोषण पर भी सक्षमता से अंकुश लगाया जा सकेगा।
पत्र की प्रति पश्चिम बंगाल विधान सभा के डिप्टी स्पीकर श्री भक्तिपद घोष, पश्चिम बंगाल सरकार के कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र नाथ डे एवं कृषि विपणन मंत्री श्री मुर्तजा हुसैन को प्रेषित कर उनसे भी इस गम्भीर मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की अपील की गई है।