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RAJASTHAN STATE FORWARD BLOC
4658, BURAD HOUSE,
4658, BURAD HOUSE,
BERI-KA-BAS,
KGB-KA-RASTA,
JOHARI BAZAR,
JAIPUR-302003
09001060013
आपदा राहत हेतु राज्य सरकार केन्द्र से तत्काल मांगे 5800 करोड़!
जयपुर -प्रदेश में मानसून की बेरूखी के कारण उपजे गम्भीर अकाल के हालात के मद्दे नजर आदिवासियों, मुक्त बंधुआ मजदूरों और अनुसूचित जाति एवं जनजाति के गरीबों ने पडौसी राज्यों गुजरात, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र की ओर पलायन करने की तैयारी करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही प्रदेश में अन्र्तजिला पलायन के आसार भी बनने शुरू हो गये हैं।
ऑल इण्डिया फारवर्ड ब्लाक की राजस्थान स्टेट कमेटी के जनरल सेक्रेटरी हीराचंद जैन ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की है कि प्रदेश में अकाल की स्थिति के मद्देनजर तत्काल फैमीन कोड (अकाल संहिता) लागू किया जाये। उन्होंने मुख्यमंत्री से यह भी मांग की है कि प्रदेश में तत्काल किसानों से सभी तरह की ऋण वसूली जिसमें सहकारी कर्जे, छोटी एवं लम्बी अवधि के कर्जे वसूली पर तत्काल रोक लगाई जाये। साथ ही आबियाना शुल्क, भूराजस्व वसूली भी तत्काल स्थगित की जाये।
फारवर्ड ब्लाक ने सरकार से यह भी मांग की है कि बाड़मेर, जैसलमेर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, चूरू, बूंदी सहित उन सभी जिलों में जहां से आदिवासियों, पुनर्वासित मुक्त बंधुआ मजदूरों व गरीब पिछड़े गरीबों का अन्य राज्यों में पलायन की आशंका है, वहां गिरदावरी रिपोर्ट आने का इंतजार किये बिना तत्काल नरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ अन्य राहत कार्य भी खोले जायें।
फारवर्ड ब्लाक ने सरकार से मांग की है कि अकाल पीडि़त क्षेत्रों में तत्काल मुफ्त या कम दरों पर पशुओं के लिये चारा मुहय्या करवाया जाये तथा पशुओं के पीने का पानी भी प्राथमिकता से उपलब्ध करवाया जाये ताकि पशुधन की हानि से बचा जा सके।
फारवर्ड ब्लाक के स्टेट जनरल सेक्रेटरी हीराचंद जैन ने बताया कि औसत-सामान्य वर्षा से सम्बन्धित पैमाने अब गुजरे वक्त की बात है और उनके आधार पर औसत वर्षा या अधिक वर्षा की घोषणा करना बेमानी है। मौसम विभाग एवं कृषि विभाग के अफसरों और कर्मचारियों की अयोग्यता और लापरवाही के कारण प्रदेश में मानसून की गतिविधियों का सही आंकलन नहीं होने से भी किसानों में फसलें बोने में गफलत हुई! जिसका उन्हें खमियाजा भुगतना होगा।
उन्होंने चेताया है कि प्रदेश में अकाल की स्थिति से निपटने के लिये फैमीन कोड़ के तहत तत्काल योजनाबद्ध तरीके से कार्य प्रारम्भ किये जायें! क्योंकि राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन अकाल की स्थिति से निपटने हेतु कार्यवाही करने में जितनी देर करेगें, समस्या उतनी ही गम्भीर होती चली जायेगी। उन्होंने राज्य सरकार से स्पष्ट शब्दों में मांग की है कि किसी भी सूरत में प्रदेश के अकाल पीडि़तों एवं उनके मवेशियों के पलायन को रोकना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिये। इस हेतु राज्य सरकार आपदा राहत हेतु केन्द्र से 5800 करोड़ रूपये तत्काल देने की मांग करे।