mail your suggestion, views, comment
RAJASTHAN STATE FORWARD BLOC
4658, BURAD HOUSE,
4658, BURAD HOUSE,
BERI-KA-BAS,
KGB-KA-RASTA,
JOHARI BAZAR,
JAIPUR-302003
09001060013
स्कूलों में फीस बढाने वाले बतायें छात्रकोष के 100 करोड का हिसाब !
जयपुर -फारवर्ड ब्लाक की राजस्थान स्टेट कमेटी के जनरल सेक्रेटरी हीराचंद जैन ने राज्य सरकार से मांग की है कि स्कूलों में फीस बढाने की कवायद करने से पहिले मान्यता एवं अनुदान प्राप्त शिक्षण संसथाओं से उन स्कूलों में जमा छात्रकोष के 100 करोड से अधिक की धन राशि का हिसाब मांगा जाये कि छात्रकोष की इस मोटी रकम का इन स्कूलों ने क्या किया।
फारवर्ड ब्लाक की राजस्थान स्टेट कमेटी के जनरल सेक्रेटरी हीराचंद जैन ने बताया कि छात्रकोष मद में ली जानेवाली राशि केवल छात्रों के कल्याण हेतु राज्य सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित मदों में ही खर्च की जा सकती है। इस राशि को किसी अन्य मद में काम में नहीं लिया जा सकता है और छात्रकोष की सरप्लस राशि को बैंक या पोस्ट आफिस अकाउण्ट में जमा करवाना अनिवार्य है। इस हेतु स्पष्ट आदेश रेकार्ड पर उपलब्ध हैं। अनुदान प्राप्त संस्थाओं को भी चार्टेड अकाउन्टेंट से इस कोष के आय-व्यय व बची राशि के जमा कराने का सत्यापन कराना होता है।
उन्होंने स्पष्ट आरोप लगाया कि अधिकांश गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं ने छात्रकोष राशि का जमकर दुरूपयोग किया है और कई स्कूल प्रबन्धकों ने तो छात्रकोष की राशि संस्था के खातों में ट्रांसफर कर भवन निर्माण व अन्य कार्य करवा लिये हैं, जोकि गैर कानूनी हैं। उन्होंने आगे बताया कि वर्ष 1970 से 2009 तक के समय को ही लें तो गैर सरकारी स्कूलों में छात्रकोष राशि का घोटाला 100 करोड रूपये से अधिक का निकलेगा।
फारवर्ड ब्लाक की राजस्थान स्टेट कमेटी के जनरल सेक्रेटरी हीराचंद जैन ने आगे बताया कि छठे वेतनमान लागू करने की आड में फीस बढाने की कवायद में जुटे भारी तादाद में स्कूल प्रबन्धक शिक्षा अधिकारियों की मिलीभगत से शिक्षकों से पूरे वेतन पर हस्ताक्षर करवा कर कम वेतन देते हैं। उन्होंने सवाल किया कि जिस स्कूल प्रबन्धक ने कभी कोई नौकरी या व्यवसाय नहीं किया और उसका दावा हो कि दस बच्चों से स्कूल प्रारम्भ किया है और युनिर्वसिटी बनाने का इरादा है, वह कैसे करोडों की सम्पत्ति का मालिक हो सकता है। कहां से आई सारी दौलत सम्पत्तियां। यह एक गम्भीर जांच का विषय है और ऐसे स्कूलों को तत्काल सरकार राष्ट्रीयकरण कर अपने कब्जे में ले। ताकि बच्चों और शिक्षकों के भविष्य से खिलवाड को रोका जा सके।
फारवर्ड ब्लाक ने स्पष्ट आरोप लगाया कि छात्रकोष घोटाले की विस्तृत जांच अगर जांच ऐजेंसियों से करवाई जाये तो शिक्षा विभाग के शिक्षा अधिकारियों एवं लेखा संवर्ग के अधिकारियों की संलिप्तता स्पष्ट रूप से उजागर हो जायेगी।